छत्तीसगढ़ के सात हजार वाहन मालिक गायब , तलाश करने में विभाग का छूट रहा है पसीना
cgwebnews.in
रायपुर
रायपुर 20 अप्रैल 2022 - परिवहन विभाग हलाकान है। विभाग के अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक उन सात हजार वाहन चालकों को ढूंढ रहे हैं जो 'गायब" हो गए हैं। परिवहन विभाग को इनसे करोड़ों रुपए का टैक्स वसूलना है पर इनका कुछ पता नहीं चल रहा है। इन्हें भेजी जाने वाली नोटिस लौटकर वापस आ जा रही है। जब कर्मचारी घर पहुंच रहे हैं तब पते गलत निकल रहे हैं। टैक्स वसूली के दबाव के बीच इन सात हजार वाहन स्वामियों को कैसे ढूंढा जाए, अधिकारी ये सोचकर हलाकान हो रहे हैं।
ज्ञात हो कि प्रदेश भर में पांच लाख से अधिक संख्या में व्यावसायिक वाहन दौड़ रहे हैं। परिवहन विभाग एक साल में 25 अरब से अधिक का टैक्स वसूलता है। पिछले साल की आडिट रिपोर्ट में सामने आया कि कई वाहन संचालकों द्वारा कई सालों से टैक्स की राशि जमा नहीं की जा रही है। इस कारण प्रदेश भर में करीब 302 करोड़ रुपए टैक्स बकाया है। परिवहन विभाग द्वारा टैक्स वसूली को लेकर अभियान चलाया गया। इसमें केवल 32 करोड़ रुपए की ही वसूली हो पाई। अभी 270 करोड़ रुपए बकाया है। रायपुर परिवहन कार्यालय की बकाया राशि 90 करोड़ रुपए से उपर पहुंच रही है। जिसमें विभाग केवल छह करोड़ रुपए ही वसूल पाया। 84 करोड़ रुपए अब भी बाकी है।
सालों से टैक्स जमा न करने वाले की कुंडली बनाकर वसूली करने के लिए जब वाहन मालिकों के घर भेजा तो वहां पर वाहन मालिक नहीं मिले। वाहन मालिक द्वारा दिए गये पते पर कोई अन्य व्यक्ति रह रहा है। इसके साथ वाहनों का भी कोई सुराग नहीं मिल रहा है। इससे विभाग ना तो गाड़ी पर कार्रवाई कर पा रहा है और ना ही उनकी संपत्ति कुर्क कर पा रहा है। इससे विभाग की मुश्किलें बढ़ गई हैं। अधिकारियों का मानना है कि छत्तीसगढ़ की तुलना में पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में वाहन खरीदी पर टैक्स अधिक लगता है। इसलिए छत्तीसगढ़ में ये रजिस्ट्रेशन करवा लेते हैं। वाहनों के ना मिलने का एक कारण यह भी हो सकता है।